Friday, January 18, 2013

आईआईएम में पहली बार 'लैटरल्स' प्लेसमेंट शुरू किया गया


 इस महीने की शुरुआत में गूगल इंडिया ने अहमदाबाद और कोलकाता आईआईएम में एक नए ट्रेंड की शुरुआत की। कंपनी 'लैटरल्स' के लिए आयोजित प्लेसमेंट प्रोग्राम में पहुंची और कुछ ग्रैजुएट को हायर किया। आईआईएम में पहली बार 'लैटरल्स' प्लेसमेंट शुरू किया गया है। कैंपस प्लेसमेंट के लिहाज से 'लैटरल्स' के मायने उन स्टूडेंट्स से है, जिनके पास एमबीए करने से पहले कुछ वर्क एक्स्पीरियंस था।

हालांकि, गूगल ने यह बताने से इनकार कर दिया कि 'लैटरल' प्लेसमेंट में उसने कितने ग्रैजुएट हायर किए हैं। लेकिन कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि इस साल कंपनी ने 'लैटरल्स' स्टूडेंट्स की हायरिंग पिछले साल के मुकाबले ज्यादा की है। मुमकिन है कि ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या डबल डिजिट में पहुंच गई हो। इससे पहले कंपनी ने सिर्फ हैदराबाद में आईएसबी में ही एक्स्पीरियंस वाले ग्रैजुएट की हायरिंग की गई थी। आईआईएम में इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है।

कम से कम 8 आईआईएम में चल रहे 'लैटरल प्लेसमेंट्स' के शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक गूगल जैसी कई दूसरी कंपनियां इकनॉमिक स्लोडाउन से लड़ने के लिए एक्स्पीरियंस प्रोफेशनल्स को जोड़ रही हैं। केपीएमजी इंडिया के पार्टनर और कंट्री हेड (ह्यूमन कैपिटल) गणेश शेरमॉन ने कहा, 'मुश्किल आर्थिक हालात में लैटरल्स ग्रैजुएट की हायरिंग में तेजी आई है।' उन्होंने कहा, 'ऐसे स्टूडेंट्स तेजी से सीखते हैं, आसानी से समाज में घुल-मिल जाते हैं, दूसरों की अच्छी स्किल्स को आसानी से अपना लेते हैं। साथ ही ऐसे ग्रैजुएट में नौकरी छोड़ने की दर काफी कम होती है।'

औसतन, 40-50 फीसदी आईआईएम ग्रैजुएट, जिनके पास कम से कम 10 महीने का वर्किंग एक्स्पीरियंस होता है वे 'लैटरल प्लेसमेंट्स' में शामिल हो सकते हैं। यह मिड दिसंबर से लेकर मिड फरवरी तक चलता है। फाइनल प्लेसमेंट फरवरी और मार्च की शुरुआत में होता है, जब बिना वर्क एक्स्पीरियंस वाले स्टूडेंट्स की हायरिंग की जाती है। आमतौर पर कंपनियां प्लेसमेंट के लिए हर साल दो बार आती हैं।

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