Monday, November 30, 2015

संविधान की शपथ दिलाने अपील

शिवसेना ने आज अपने मुखपत्र सामना के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शपथ के लिए पवित्र धार्मिक गंथ्रों की जगह संविधान की शपथ दिलाने अपील की है कि ताकि देश को धर्म के आधार पर हो रही राजनीति से ऊपर उठाया जा सके।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा हैकि दिवंगत बाला साहेब ठाकरे का मानना था कि कानून में सभी धर्म समान हैं। इसलिए संविधान सभी धर्म के लोगों के लिए धार्मिक पुस्तक होनी चाहिए।
सामना ने अपने संपादकीय में लिखा है कि सभी लोगों के लिए कानून एक समान है लेकिन संविधान कानून से भी ऊपर है। इसलिए अदालतों में भी धार्मिक गंथ्रों की बजाय संविधान की शपथ दिलानी चाहिए।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को बदलना के बारे में सोचना आत्मघाती है। प्रधानमंत्री ने ये भी कहा था कि संविधान एक पवित्र किताब है।

प्रधानमंत्री के उसी बयान पर शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री को अब अपनी इस सोच को आगे बढ़ाते हुए देश को धर्म आधारित राजनीति से ऊपर लाने की कोशिश करनी चाहिए।

Friday, November 27, 2015

'संविधान दिवस

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से देश में पहली बार 26 नवंबर गुरुवार को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाया गया। देश की नई पीढ़ी को संविधान से रूबरू कराने के लिए इस दिन स्कूलों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों की कड़ी में सबसे पहले प्रार्थना के समय ही छात्र-छात्राओं को संविधान की प्रस्तावना पढ़ाई गई। इसके साथ ही विभिन्न स्कूलों में छात्र संसद आयोजित की गई।

गार्गी ग‌र्ल्स स्कूल में प्रधानाचार्या अनुपमा सक्सेना ने छात्राओं को संविधान से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी। वेस्ट एड रोड स्थित गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल में आयोजित संविधान दिवस कार्यक्रम में प्रधानाचार्य कपिल सूद ने छात्रों को संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के संस्थापक डा. भीमराव अंबेडकर सहित अन्य लोगों के बारे में बताया। केंद्रीय विद्यालय सिख लाइंस में आयोजित युवा संसद में विपक्षी सांसदों ने महंगाई, सुरक्षा, आतंकवाद, विदेश नीति तथा शिक्षा नीति जैसे मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की। सिटी वोकेशनल पब्लिक स्कूल में प्रधानाचार्य प्रेम मेहता ने जानकारी दी। राधा गोविंद पब्लिक स्कूल में प्रधानाचार्या विनीता गुप्ता ने बच्चों को संविधान की जानकारी दी। जसवंत मिल्स इंटर कालेज में आयोजित संविधान दिवस कार्यक्रम में प्रधानाचार्य डा. राजेश अग्रवाल ने छात्रों को संविधान की उपयोगिता के बारे में बताया।

Monday, November 16, 2015

सभी लोग कानून का समान रूप से पालन करें

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' ने अपने संपादकीय में पेरिस में हुए हमलों की कड़ी निंदा करते हुए भारत सरकार को आतंकवाद के खिलाफ खुद से कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है। संपादकीय में पश्चिमी देशों पर आतंकवाद को लेकर दोहरा नजरिया अपनाने पर सामना में तीखी टिप्‍पणी की गई है। इसमें लिखा है कि जबतक अपनी कुर्सी के नीचे धमाका नहीं होता है तब तक वह हिंदुस्‍तान की तड़प महसूस नहीं कर सकते हैं। सामना के मुताबिक पश्चिमी देश अपनी तरह से आतंकवाद से लड़ते हैं और यही भारत को भी सीखना होगा। इसमें कहा गया है कि आतंकवाद की घटनाओं पर जब पाकिस्‍तान टिप्‍पणी करता है तो यह बेहद हास्‍यास्‍पद लगता है क्‍योंकि वह 'आतंकवाद की बहुराष्‍ट्रीय कंपनी' है।
सामना में कहा गया है कि फ्रांस ने जब अपने यहां पर बुर्का बैन किया था तभी उसको परिणाम भुगतने की धमकी मिलनी शुरू हो गई थी। लेकिन वह इसके आगे नहीं झुका। इसका मकसद साफ था कि वह चाहता है कि फ्रांस में रहने वाले सभी लोग कानून का समान रूप से पालन करें, फिर चाहे वह किसी भी धर्म से संबंध क्‍यों न रखता हो। लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। एक तरफ जहां फ्रांस वहां पर लगातार बढ़ रही म‍ुस्लिम आबादी से चिंतित दिखाई देता है वहीं भारत इससे कोई सबक नहीं लेता है। संपादकीय में कहा गया है कि भारत हमेशा से ही इस बढ़ती आबादी के सामने झुकने के लिए तैयार रहा है।
सामना में आईएस की उत्‍पत्ति के पीछे अमेरिका को बताया गया है। पत्र लिखता है कि अमेरिका ने अपने स्‍वार्थ की खातिर इराक को तबाह कर दिया और सद्दाम हुसैन को खत्‍म कर दिया। इसमें फ्रांस ने भी उसका साथ दिया। इसके फलस्‍वरूप वहां पर अराजकता का माहौल बना और आईएस का भूत पैदा हुआ जो आज यूरोप पर हमले कर रहा है। संपादकीय में लिखा है कि इस पाप में फ्रांस समान रूप से भागीदार है। क्‍योंकि सद्दाम के पतन के बाद ही उसके आसपास के देशों में अराजकता का माहौल पैदा हुआ। अब वही आतंकवाद यूरोपीय देशों के लिए संकट बन गया है।

पत्र में कहा गया है कि भारत के कश्‍मीर में भी आईएस दस्‍तक दे चुका है। पिछले दिनों वहां पर खुलेआम आईएस के झंडे दिखाए गए और प्रदर्शन किया गया। सामना में आईए को पूरी दुनिया के लिए खतरा बताया है। इसमें कहा गया है इन्‍होंने फ्रांस की जमीन को खून से लाल कर दिया है। अब इससे सबक सीखने की जरूरत है। संपादकीय में कहा गया है अब जरूरत है कि आतंकवाद की जड़ों को खत्‍म करने के लिए उनपर कड़ा प्रहार किया जाए।

Tuesday, November 10, 2015

शुभकामनायें

साथियों ,

आप सभी को तथा सभी के परिवार को  मेरी और मेरी पत्नी की ओर से दीपावली की  हार्दिक
शुभकामनायें

Friday, November 6, 2015

लूमिया एक्सएल अगले माह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटी कार्यक्रम को देखते हुए टेक्नोलॉजी कंपनियों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। माइक्रोसॉफ्ट ने स्मार्ट सिटी की दिक्कतों के निदान को ध्यान में रखते हुए भारत में स्थानीय स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहित करने की घोषणा की है।
देश में स्मार्ट शहरों की परिकल्पना को जमीन पर उतारने के लिए माइक्रोसॉफ्ट इन स्टार्ट अप्स को हर तरह की मदद देगी। इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट ने ई-कॉमर्स से जुड़ी तीन कंपनियों के साथ भागीदारी के अलावा देश में सॉफ्टवेयर प्रो 4 लैपटॉप को जनवरी में भारत में उतारने का एलान भी किया।
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने यहां कहा, "कंप्यूटिंग ही भविष्य है और इसके लिए क्लाउिडंग और मोबिलिटी को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। माइक्रोसॉफ्ट में हम प्रत्येक भारतीय, प्रत्येक बिजनेस और सरकारी संगठनों को ज्यादा कुशलता पूर्वक काम करने का मंच उपलब्ध कराना चाहते हैं। माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड और सरफेस प्रो 4 लोगों व सरकार के इन लक्ष्यों को पाने में मदद करेगा।"
ई-कॉमर्स कंपनियों से भी किया करार 
नडेला ने ई-कॉमर्स की तीन कंपनियों जस्ट डायल, पेटीएम और स्नैपडील के साथ भागीदारी की भी घोषणा की। तीनों ही कंपनियां माइक्रोसॉफ्ट उत्पादों और क्लाउड सेवाओं का इस्तेमाल करेंगी। वर्ष 2020 तक देश में ई-कॉमर्सकारोबार 100 अरब डालर का हो जाएगा।
फ्यूचर अनलीश्ड के नाम से माइक्रोसॉफ्ट के एक कार्यक्रम में नडेला ने कहा छोटे बड़े सभी उद्यमी अपने कारोबार के विस्तार के लिए क्लाउड का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सरकार की स्मार्ट सिटी परिकल्पना को साकार करने में भी क्लाउडिंग अहम भूमिका निभाएगी। शहरों से जुड़ी समस्याओं के निदान तलाशने के लिए स्थानीय स्तर पर स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहित करने का निर्णय भी इसीलिए लिया गया है। इसके लिए जो स्टार्ट अप माइक्रोसॉफ्ट के अजूर कंप्यूटिंग का इस्तेमाल करेंगे, उन्हें कंपनी 80 लाख रुपये तक की मदद उपलब्ध कराएगी। इस कार्यक्रम में आनंद महिंद्रा, एक्सिस बैंक की शिखा शर्मा और टाटा स्टारबक्स केसीईओ अवनी दवडा समेत भारतीय उद्योग जगत की कई हस्तियां मौजूद थीं।
जनवरी में आएगा सरफेस प्रो
नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट के दो फ्लैगशिप उत्पाद सरफेस प्रो 4 और माइक्रोसॉफ्ट लूमिया 950 एक्सएल को भी भारत में लांच करने का एलान किया। सरफेस प्रो 4 हाइब्रिड लैपटॉप है। इसे लैपटॉप के साथ साथ टैबलेट के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। कंपनी इसे जनवरी में घरेलू बाजार में उतारेगी। सरफेस प्रो 4 इस सीरीज का पहला उत्पाद है, जो भारतीय बाजार में मिलेगा।
लूमिया एक्सएल अगले माह 
इसके अलावा 5.7 इंच की स्क्रीन वाला स्मार्टफोन माइक्रोसॉफ्ट 950 एक्सएल भी दिसंबर से बाजार में उपलब्ध हो जाएगा। लुमिया 950 भी मिलने लगेगा। दोनों ही विंडोज फोन हैं। इस सीरीज के कई उत्पाद बाजार में पहले से उपलब्ध हैं। दोनों ही में कैमरा 20 मेगापिक्सल का है और स्टोरेज क्षमता 32 जीबी है।
गांधी जी ने छोटे स्तर पर चीजों को करने को तवज्जो दी थी। वह टेक्नोलॉजी की दुनिया के लिए सही रोल मॉडल हैं। लेकिन माइक्रोसॉफ्ट जिस तरह के कदम उठा रही है, उससे नडेला के सामने मौका है कि वह डिजिटल दुनिया के नए गांधी बन सकते हैं।

"सरकार जनोपयगी सेवाओं को क्लाउड पर ले जाने के लिए तैयार है। इस बारे में बात हो रही है। इसमें डेटा सेफ्टी अहम बात रहेगी। उन्होंने सत्या नडेला को भरोसा दिलाया कि भारत में लोग किसी नई टेक्नोलॉजी को थोड़ा इंतजार कर परखते हैं, मगर इसके बाद इस्तेमाल में वे पीछे नहीं रहते।"

Wednesday, November 4, 2015

चेक लौटा दिया कि खाते में पर्याप्त राशि नहीं- 35,000 रुपए का हर्जाना

अपने कर्मचारी की लापरवाही की यहां के यूनियन बैंक को कीमत चुकाना पड़ी। बैंक ने खाते में फंड होने के बावजूद अपने एक ग्राहक का चेक लौटा दिया था। ग्राहक ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की, जहां ग्राहक को 35,000 रुपए का हर्जाना भरने का आदेश दिया गया।
लालबाग निवासी लालचंद जैन ने 26 मार्च 2014 को अपने एक लेनदार को 72,000 रुपए का चेक दिया था। 29 मार्च को बैंक ने यह कहते हुए चेक लौटा दिया कि खाते में पर्याप्त राशि नहीं है। जैन का कहना है कि उनके बचत खाते में चेक क्लियर होने जितनी राशि थी, फिर भी चेक बाउंस कर दिया गया और 150 रुपए वसूल लिए गए।
बकौल जैन, चेक बाउंस होने के बाद जिस शख्स को राशि देना थी, उसने मुझे परेशान किया, गालियां भी दीं। इस पर जैन ने बैंक को चिट्ठी लिखी और सफाई मांगी। 20 जून को लिखी गई चिट्ठी का 8 अगस्त को जवाब आया, जिसमें हास्यास्पद कारण बताए गए।

अपनी मानसिक परेशानी से एवज में उन्होंने मुआवजे की मांग करते हुए उपभोक्ता आयोग में शिकायत की। जिस पर अब यह फैसला आया।